Skip to content

Hing Ki Kheti कम मेहनत में ज्यादा मुनाफा, लाखो ही नहीं करोड़ों कमाने का है मौका, जल्दी करें!

Hing Ki Kheti

Hing Ki Kheti

  • हींग की खेती के मेरा अनुभव

हींग (asafoetida), वो जादुई मसाला जिसकी तीखी गंध दूर से ही पहचानी जा सकती है, भारतीय रसोई का एक अहम् हिस्सा रहा है। लेकिन हाल ही तक, यह विदेशी मसाला माना जाता था, जिसका आयात मुख्य रूप से अफगानिस्तान और ईरान जैसे देशों से होता था। कुछ साल पहले तक, यह सोचना भी मुश्किल था कि एक दिन मैं अपने ही खेत में हींग की खेती करूंगा। आज मैं आपके साथ हिंग की खेती करने का अपना अनुभव साझा करना चाहता हूँ, ये सफर जो शुरू हुआ जिज्ञासा से और पहुंचा आत्मनिर्भरता की राह पर।

कुछ सालों पहले एक कृषि प्रदर्शनी में मेरी मुलाकात कृषि विज्ञान के एक विशेषज्ञ से हुई। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि कैसे सीएसआईआर और आईएचबीटी जैसे संस्थानों के अथक प्रयासों से भारत में हींग की खेती को सफलतापूर्वक शुरू किया गया है। ये सुनकर मुझे काफी आश्चर्य हुआ। मैंने हमेशा ही हींग को एक विदेशी फसल माना था। विशेषज्ञ से मैंने विस्तार से हींग की खेती के बारे में जानकारी ली। उन्होंने बताया कि हिमालयी क्षेत्रों की जलवायु हींग की खेती के लिए उपयुक्त है और अब उत्तराखंड, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में इसकी खेती सफलतापूर्वक की जा रही है। उनकी बातों ने मेरे मन में एक जिज्ञासा जगाई। क्या मैं भी अपने खेत में हींग की खेती कर सकता हूँ?

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

वापसी में मैंने कृषि विभाग से संपर्क किया और हींग की खेती से जुड़ी हर संभव जानकारी जुटाई। मिट्टी परीक्षण करवाया ताकि पता चल सके कि मेरी ज़मीन हींग की खेती के लिए उपयुक्त है या नहीं। साथ ही, मैंने उन किसानों से भी संपर्क किया जो पहले से ही हींग की खेती कर रहे थे। उनका अनुभव सुनकर मेरा हौसला बढ़ा। हालाँकि, यह एक नई फसल थी और जोखिम भी ज़्यादा था, इसलिए मैंने शुरुआत में छोटे स्तर पर ही खेती करने का फैसला किया।

हींग की खेती- भारत में एक आकर्षक व्यवसाय-Hing Ki Kheti

भारत हींग का सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है, लेकिन यहां इसकी खेती बहुत कम मात्रा में होती है। हर साल 1200 टन से अधिक हींग का आयात किया जाता है, जिसके लिए 600 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जाते हैं। कृषि विभाग की पहल से अब भारत में भी हींग की खेती शुरू हो गई है, जो किसानों के लिए एक आकर्षक व्यवसाय बन गया है।

हींग की खेती क्यों फायदेमंद है?

  • उच्च मांग और कम उत्पादन: भारत में हींग की भारी मांग है, लेकिन यहां इसका उत्पादन बहुत कम होता है। इससे हींग की कीमतें बहुत ऊंची रहती हैं, जो किसानों के लिए मुनाफे का अच्छा अवसर है।
  • कम लागत: हींग की खेती में बहुत अधिक लागत नहीं आती है। इसकी खेती कम पानी और कम देखभाल वाली भूमि में भी की जा सकती है।
  • आसान खेती: हींग की खेती करना आसान है। किसानों को इसके लिए विशेष प्रशिक्षण या अनुभव की आवश्यकता नहीं होती है।
  • अच्छी कमाई: हींग की कीमत 35,000 रुपये प्रति किलो तक हो सकती है। इससे किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं।

हींग की खेती कैसे करें?

  • उपयुक्त जलवायु और मिट्टी: हींग की खेती के लिए ठंडा और शुष्क जलवायु अनुकूल है। यह कम पीएच वाली मिट्टी में भी उग सकती है।
  • बुवाई: हींग के बीजों को अक्टूबर-नवंबर में बोया जाता है।
  • रोपाई: रोपाई महीने भर बाद 5-5 फीट की दूरी पर की जाती है।
  • सिंचाई: हींग को कम पानी की आवश्यकता होती है। 3-4 दिन में एक बार सिंचाई पर्याप्त है।
  • देखभाल: खरपतवारों को नियमित रूप से हटाना और पौधों को कीटों और रोगों से बचाना महत्वपूर्ण है।
  • कटाई: हींग की फसल 5 साल में तैयार होती है। पौधे में फूल आने से पहले इसकी जड़ों को काट लिया जाता है।
  • हींग बनाने की प्रक्रिया: जड़ों से निकलने वाले दूध को इकट्ठा करके हींग बनाई जाती है।

हींग की खेती में कुछ महत्वपूर्ण बातें

  • हींग की खेती के लिए पहाड़ी क्षेत्रों में डालनूमा जमीन सबसे उपयुक्त है।
  • हींग के पौधों को धूप की आवश्यकता होती है।
  • हींग की जड़ों में 8-10 बार चीरा लगाया जा सकता है।
  • शुद्ध हींग की गंध तीखी होती है, इसलिए इसे स्टार्च और गोंद में मिलाकर बेचा जाता है।

निष्कर्ष

हींग की खेती भारत में एक आकर्षक व्यवसाय है। यह किसानों के लिए अच्छी कमाई का साधन बन सकता है। यदि आप कम लागत में मुनाफे वाला व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो हींग की खेती आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती है.

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now
error: Content is protected !!